चाकसू सीट को लेकर कार्यकर्ता का भारी विरोध
क्या होगा चाकसू विधानसभा का भाग्य
क्या इस बार भी जनता को विधायक से मिलने जाना होगा जयपुर ,या फिर मिलेगा स्थानीय विधायक ?
चाकसू विधानसभा सीट इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं जहां एक ओर तो भारतीय जनता पार्टी ने अपने 41प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस अपनी पहली ही सूची को लेकर अभी तक विचार विमर्श करती नजर आ रही हैं। राजस्थान में ऐसी कई सीटे हैं जहां से दोनो ही पार्टियों को किसी भी कीमत पर जीत दर्ज करनी ही करनी हैं ऐसे में दोनों ही पार्टियां अपने दमदार और आसानी से जीत दर्ज कर सकने वाले नेताओं के नामों पर विचार कर रहीं हैं।
इन पेचीदा सीटों में से एक नाम चाकसू विधानसभा सीट का भी हैं जहां से पिछली बार कांग्रेस के वेदप्रकाश सोलंकी ने भारतीय जनता पार्टी के रामावतार बैरवा को लगभग 4 हजार वोटों से मात दी थी।इस बार होना तो यहीं चाहिए की चाकसू से कांग्रेस पुनः दोनों प्रत्याशियों को वापस से मौक़ा मिलना चाहिए था परंतु इनकी अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ता इनके विरोध में आ गए हैं।जहां एक और विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने क्षेत्र में काफी विकास कार्य करवाए जाने का दावा किया जाता है तो दूसरी ओर पर उनके ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा कार्य न किए जाने के आरोप उन पर लगाए गए हैं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी चाकसू से पूर्व प्रत्याशी रामावतार बैरवा पर भी उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं का भारी विरोध अगर उनको टिकट दिया जाता हैं तो कार्यकर्ता पार्टी का विरोध करेंगे। ऐसे में अब दोनों ही पार्टियां इस सीट को लेकर असमझस में पड़ी नजर आ रही हैं ।कई नए चेहरे भी इस बार विधायक बनने की होड़ में नजर आ रहे है ,कुछ ने सरकारी सेवाओं को बीच में ही छोड़ दिया हैं तो कुछ तो पूर्व विधायक भी रह चुके हैं।ऐसा भी संभव हैं की दोनो ही पार्टियां इस बार किसी नए चेहरे को मौक़ा दे।
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